याकूब कुरैशी के दोनों बेटों को दो माह के भीतर ही मिली जमानत, पुलिस का ढीली कार्रवाई पर उठे सवाल
मेरठ। पुलिस की ढीली कार्रवाई के चलते पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के बेटे फिरोज उर्फ भूरा के बाद शनिवार को इमरान कुरैशी भी जेल से रिहा हो गए हैं। दो गंभीर मुकदमे में दोनों भाइयों को दो माह में ही जमानत मिल गई।
इसको लेकर पुलिस की विवेचना पर सवाल उठ रहे हैं। गैंगस्टर 14 ए के तहत संपत्ति की कार्रवाई भी अधर में है। कार्टूनिस्ट प्रकरण में याकूब की जमानत हो चुकी है। बाकी दोनों मुकदमों में उनकी जमानत की अपील हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
31 मार्च 2022 को हापुड़ रोड पर याकूब कुरैशी की फैक्टरी पर खरखौदा पुलिस ने छापा मारा था। याकूब, उनकी पत्नी संजीदा बेगम सहित 17 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। याकूब परिवार पर सात महीने बाद गैंगस्टर का दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों मुकदमे में पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सुबूत नहीं जुटाए। नतीजा कि शुक्रवार सुबह सिद्धार्थनगर जेल से फिरोज और शनिवार शाम को बलरामपुर जेल से इमरान कुरैशी रिहा हो गए। बताया जा रहा कि दोनों भाई लखनऊ में हैं। इमरान के ससुराल वाले पैरवी करने में लगे थे।
याकूब के अधिवक्ता अनिल बख्शी का कहना है कि दोनों मुकदमे कमजोर हैं। राजनीति के तहत दर्ज कराए गए थे। कार्टूनिस्ट प्रकरण में पुलिस के द्वारा तैयार केस डायरी पर तो कोर्ट ने आपत्ति ही लगा दी। याकूब कुरैशी की जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगी है, जिसमें जल्द निर्णय होगा।
तीनों को अलग-अलग जेल भेजा गया था
दिल्ली के चांदनी महल थानाक्षेत्र से याकूब और उनके बेटे इमरान को छह जनवरी 2023 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले फिरोज नवंबर महीने में कोर्ट में सरेंडर होकर जेल चला गया था। तीनों पिता-पुत्र मेरठ जेल में बंद थे, जिससे मुलाकात करने वालों का तांता लगने लगा था। एक सप्ताह में याकूब को सोनभद्र, इमरान को बलरामपुर और फिरोज को सिद्धार्थनगर जेल में शिफ्ट कर दिया था।
बलरामपुर जेल में इमरान से मिलने पहुंचा था फिरोज
सिद्धार्थनगर जेल से रिहा होने के बाद फिरोज मेरठ नहीं आया, बल्कि अपने रिश्तेदारों के साथ बलरामपुर जेल में भाई इमरान के पास पहुंचा। एसपी बलरामपुर केशव कुमार ने बताया कि इमरान शाम को जेल से रिहा हुआ। दोनों भाई अभी मेरठ नहीं आए, बल्कि सोमवार को वह अपने पिता याकूब कुरैशी से मुलाकात करने जा सकते हैं।
दोनों मुकदमों की नींव कमजोर
दोनों मुकदमों की नींव पुलिस ने कमजोर खड़ी की है। सवाल उठने लगे हैं कि गैंगस्टर 14 ए के तहत संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए अभी पुलिस ने पुख्ता सुबूत नहीं जुटाए। इसके चलते याकूब परिवार को राहत मिल रही है। याकूब परिवार के साथ चार नामजद आरोपी अभी फरार चल रहे हैं, जिन्हें पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना कि याकूब की कई संपत्ति में कई हिस्सेदार हैं। जब्तीकरण की कार्रवाई से पहले याकूब का हिस्सा अलग चिह्निंत करना होगा। प्रक्रिया चल रही है। जमानत होने से जब्तीकरण की कार्रवाई पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।