पाकिस्तान के सबसे बुरे दिन, देश छोड़कर भाग रहे अमीर, कंपनियों पर लटके ताले… सड़कों पर हाहाकार

नई दिल्ली। पाकिस्तान के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं देश के लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. महंगाई से मचे हाहाकार के बीच पहले से ही जनता की थाली से रोटी-चावल गायब हो चुके हैं. उस पर अब बेरोजगारी का हंटर पड़ने वाला है. दरअसल, संकटग्रस्त पाकिस्तान में सप्लाईचेन बाधित होने के कारण सुजुकी मोटर्स समेत कई बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट पर ताला लगा दिया है या प्रोडक्शन न के बराबर कर दिया है।

इन कंपनियों के प्लांट बंद

अब तक का अपना सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान में हर दिन बिताना लोगों पर भारी पड़ रहा है. बीते कुछ ही महीनों में देश से कई बड़ी कंपनियों ने किनारा कर लिया है, जिससे महंगाई की मार के बीच लोगों पर बेरोजगारी का संकट बढ़ गया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सुजुकी मोटर्स कॉरपोरेशन और GSK समेत Amreli Steels Limited, Millat Tractors Limited, Diamond Industries Limited समेत कई कंपनियों ने अपने प्लांट बंद कर दिए हैं, इनसे उत्पादन बहुत कम हो गया है।

हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि कंपनियों को अपनी जरूरत के सामान तक नहीं मिल पा रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो बीते 2 फरवरी को Suzuki Motor के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में काम-काज ठप हो गया, जबकि कच्चे माल के आयात में आ रही दिक्कतों के बीच टायर-ट्यूब और दवाओं से संबंधित कई कंपनियों ने काम रोक दिया है. दवा कंपनियों में काम रुकने की वजह से लोगों को बेरोजगारी के साथ ही बीमारी के इलाज में दवाओं की भारी किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होता जा रहा है और ये बीते हफ्ते ही 3 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया था. सरकार भी इस संकट से देश को बाहर निकालने में हार मान चुकी है. दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तो इस कबूल भी कर लिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान पहले ही दिवालिया हो चुका है और हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं. उन्होंने देश की इस हालत के लिए राजनैतिक नेताओं समेत सेना और नौकरशाही पर निशाना साधा।

देश में महंगाई 30 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है और लोग पेट भरने के लिए आटा-दाल-चावल से लेकर गाड़ियों के लिए पेट्रोल-डीजल तक के लिए मारामारी करते नजर आ रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह का संकट और शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शटडाउन का नजारा इतने बड़े पैमाने पर पहली बार देखने को मिला है. पहले से महंगाई के चलते जरूरी चीजें लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है, उस पर अब पाकिस्तान के लाखों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट गहराने लगा है।

पाकिस्तान में बेरोजगारी बढ़ने की आशंका गहराने लगी है. हालांकि, देश में रोजगार के लिए मारामारी पहले से मची हुई है और इसके कई उदाहरण देखने को मिल चुके हैं. पिछले साल सितंबर में हाईकोर्ट में चपरासी की पोस्ट के लिए 15 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे. आवेदन करने वालों में मास्टर डिग्री होल्डर तक शामिल थे. यहीं नहीं इससे पहले महज 1667 कांस्टेबल की पोस्ट के लिए 30 हजार लोगों ने आवेदन किया था और सभी को स्टेडियम में बिठाकर परीक्षा दिलाई गई थी।

पाकिस्तान के खराब होते हालातों से घबराकर अब लोग पाकिस्तान छोड़कर भागने लगे हैं. पाकिस्तान से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या में अचानक तेजी देखी जा रही है. देश में 2022 में 832,339 लोगों ने देश छोड़ दिया. ये 2016 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है. वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में देश छोड़ने वाले पाकिस्तानियों की संख्या में लगभग 200% की बढ़ोतरी हुई है।

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