अब राजनीति में एंट्री मारेंगे कानपुर वाले करौली सरकार

लखनऊ। हाल ही में कुछ वीडियोस वायरल हो रही थी जिनमें झाड़-फूंक करने और मंत्रों के द्वारा ठीक करने की बात करते हुए सुना जा सकता है… इन्हीं सिद्ध महात्माओं में से एक है कानपुर के करौली सरकार… बता दें कि पिछले दिनों नोएडा के डॉक्टर से मारपीट के प्रकरण में करौली सरकार ट्रेंडिंग में चल रहे हैं… दरबार में हर तरह से लोगों को ठीक करने की कई वीडियोस यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है…

अब कानपुर के करौली सरकार एक बार फिर सुर्खियों में है… माना जा रहा है कि करौली सरकार अपने बेटे के लिए राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं…

यूपी के कानपुर वाले करौली सरकार झाड़फूंक-तंत्रमंत्र से बाधाओं और बीमारियों को दूर करने का दावा करते हैं। करौली सरकार का साम्राज्य लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर बाबा को राजनीतिक सरंक्षण की जरूरत महसूस हो रही है। बाबा अब अध्यात्म के साथ ही राजनीति में भी हाथ आजमाना चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक अपने बड़े को राजनीति में लाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सूत्रों के मुताबिक करौली सरकार कई राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में हैं। इसके लिए बाबा दिल्ली से लखनऊ तक के चक्कर भी काट रहे हैं।

बिधनू थाना क्षेत्र स्थित करौली गांव में करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया का लवकुश आश्रम है। बाबा अपने आश्रम में हवन और झाड़फूंक से बड़ी-बड़ी बीमारियों, लम्बाई बढ़ाने, रूस-यूक्रेन जैसे युद्ध को खत्म कराने का दावा करते हैं। बाबा के दरबार में आम जनमानस, पुलिस कर्मी से लेकर बॉलीवुड एक्टर तक अर्जी लगाते हैं।

बाबा उस वक्त सुर्खियों में आ गए, जब नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी के सामने चमत्कार दिखाने में विफल हो गए। बाबा ने अपने बाउंसरों और सेवादारों से डॉक्टर की पिटाई करवा दी। जिसमें डॉक्टर के नाक की हड्डी टूट गई। डॉक्टर ने बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

संतोष सिंह भदौरिया जब आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उस दौरान उसकी राजनीति में आने की इच्छा थी। राजनीति में आकर अकूत संपत्ति बनाने का भी सपना देखा था। संतोष सिंह ने इसके लिए भारतीय किसान यूनियन को ज्वाइन किया था। भाकियू में संतोष सिंह कानपुर के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। लेकिन धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस की पिटाई से आहत होकर उन्होने भारतीय किसान यूनियन को छोड़ दिया था।

करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया अध्यात्म के साथ राजनीति में भी काफी रूचि रखते हैं। बाबा को अध्यात्म में तो सफलता मिल गई। उन्होने आडंबर कर दरबार लगाकर 14 एकड़ का आश्रम खड़ा कर दिया। अब अपने साम्राज्य को बचाए रखने के लिए बाबा को राजनीतिक संरक्षण की जरूरत महसूस हो रही है। करौली सरकार अपने बड़े बेटे को राजनीति में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बाबा कई राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में है।

करौली सरकार मार्च महीने के शुरूआती सप्ताह में अचानक आश्रम से लापता हो गए थे। लगभग चार से पांच दिनों तक बाबा का दरबार नहीं लगा था। लेकिन भक्तों को यह नहीं बताया गया था कि करौली सरकार कहां गए हैं। सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है कि बाबा दिल्ली से लखनऊ तक राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में है। बाबा किसी भी कीमत पर बेटे के लिए चुनावी टिकट की व्यवस्था करने में जुटे हैं। जानकारी के मुताबिक बाबा दलबल के साथ किसी राजनीतिक पार्टी में बेटे की एंट्री करा सकते हैं।

फजलगंज थाना क्षेत्र स्थित शास्त्रीनगर में 4 अगस्त 1994 को अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजकुमार ने संतोष भदौरिया समेत अन्य आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। उस दौरान संतोष भदौरिया का नाम सामने आया था। संतोष भदौरिया को 27 मार्च 1993 जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

इसके बाद 7 अगस्त 1994 को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी वेदपाल सिंह ने संतोष भदौरिया और उसके साथियों पर मारपीट, गाली गलौच और क्रिमिनल एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। 12 अगस्त 1994 को महाराजपुर थाने में तैनात तत्कालीन सिपाही सत्यनारायण और संतोष कुमार सिंह ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बर्रा थाने में भी उनके खिलाफ केस दर्ज है। इसके साथ ही बाबा पर एनएसए की की भी कार्रवाई हो चुकी है।

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